सुन्दर भोली लाल सी रोली थी बाला अति प्यारी जिसके रोम रोम में बसी थी अद्भुत कला निराली। सुन्दर भोली लाल सी रोली थी बाला अति प्यारी जिसके रोम रोम में बसी थी अद्भुत कल...
ख़त्म-ख़त्म है जूनून, तन बदन निढाल है निचुड़ी सी आत्मा को निगल रहा काल है।। ख़त्म-ख़त्म है जूनून, तन बदन निढाल है निचुड़ी सी आत्मा को निगल रहा काल है।।
भूखा भिखारी...। भूखा भिखारी...।
हाथ में रोटी लिए भूख को देखा, रोते सिसकते हुए पाथ को देखा, हाथ में रोटी लिए भूख को देखा, रोते सिसकते हुए पाथ को देखा,
विदा होऊं जब इस जहाँ से मैं फूलों के बदले मेरी अर्थी पर, एक रोटी सजा देना। विदा होऊं जब इस जहाँ से मैं फूलों के बदले मेरी अर्थी पर, एक रोटी सजा देना।
थमा के उसको बिस्कुट चार पूछा मैंने कि, "सपना नहीं देखते क्या यार ?" थमा के उसको बिस्कुट चार पूछा मैंने कि, "सपना नहीं देखते क्या यार ?"